डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन सकलडीहा के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र पांडे एडवोकेट ने सकलडीहा तहसील कैंप पर युवाओं के साथ बैठक करते हुए यह तय किया कि अगले सप्ताह से जिला जेल वाराणसी में पूरे भ्रष्टाचार नशाखोरी तथा मानवाधिकार के मामले को लेकर कई संवैधानिक संस्थाओं को पत्र दिए गए हैं इन उसके बावजूद भी जिला कार्यकर्ता वाराणसी भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है अगले हफ्ते से सत्याग्रह की शुरुआत नौजवान व अधिवक्ता करने जा रहे हैं हर तहसील मुख्यालय पर सत्याग्रह की योजना है
अधिवक्ता शैलेंद्र पांडे ने बताया की शासन की तरफ से जिला कारागार के अंदर बाहर बिल्डिंग निर्माण की योजना में डाय मटिक हाल, तन्हाई बिल्डिंग निर्माण तथा टावर निर्माण कार्य चल रहा था जिला जेल में भ्रष्टाचार करने के लिए अधीक्षक के द्वारा जिला जेल के अंदर जिन बिल्डिंग का निर्माण हो रहा था उसमें सरकार के द्वारा 720 रुपए कारीगर की मजदूरी तथा श्रमिक मजदूरी 520 रुपए तय थी उसे पूरे प्रकरण में जिला कारागार ने ठेकेदार के ऊपर प्रेशर बनाते हुए ठेकेदार को प्रताड़ित करके अंदर के कारीगर और मजदूरों का इस्तेमाल करके उनसे निशुल्क काम करवाया और शासन के द्वारा आई मजदूरी को ठेकेदार को प्रताड़ित करके जबरदस्ती वसूली करने का कार्य भी किया है और निर्माण में डोयम दर्जे की ईट और वस्तुओं का इस्तेमाल करके उक्त बिल्डिंग का निर्माण भी किया गया है यहां तक की जेल ला इन के मेंटेनेंस में भी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है जिला जेल के स्टाफ से जबरदस्ती निजी पैसे से काम करवा करके शासन के द्वारा पैसा उठाने का भी शिकायत है इन पूरे विषयों को लेकर के क्योंकि जिन-जिन श्रमिक मजदूर और कारीगरों ने मजदूरी कराई है वह बैठकी का पैसा देने में अ सक्षम रहे हैं उनसे जबरदस्ती कार्य लिया गया है जो कि मानवाधिकार का उल्लंघन है मानवाधिकार का उल्लंघन और भ्रष्टाचार दोनों का चोली और दामन का साथ जिला जेल में है शैलेंद्र पांडे ने कहा कि सारे विषयों को देखकर के अंग्रेजों के शासन से भी भयानक स्थिति नजर आ रही है इसलिए जिला कारागार के खिलाफ भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन और सत्याग्रह आवश्यक है और यह पूरा कार्य देश के उसे नेता के संसदीय क्षेत्र में किया गया है जिससे पूरा विश्व उम्मीद बनाकर के रखा हुआ है ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए संयोजक शैलेंद्र पांडे एडवोकेट ने कहा कि जिला जेल में बंद बन्दी के लिए उनके हक की लड़ाई लड़ना अब अधिवक्ता समाज का सपना है और जब तक न्याय नहीं मिलेगा अंतिम दम तक लड़ाई जारी रहेगी