जिला जेल का अधीक्षक उदण्ड व हत्यारा ,जेल मंत्री के दिशा निर्देश से किया किनारा

अधीक्षक की लापरवाही से ही गयी मुकुल जायसवाल की जान ,बेहद घिनौने आचरण का है ये इंसान

पैसे की लालच में डाक्टर की रिफरेंस की बाद भी नही भेजता बन्दियों को अस्पताल,संवेदनाहीन है अधीक्षक उमेश सिंह का किरदार

कर्म ही इंसान को भगवान या शैतान बनातें है ।यदि आप किसी इंसान की दुःख व तकलीफ का निदान करते है तो आप उस इंसान की नजर में भगवान बन जाते है वहीँ दूसरी ओर अपने मन वचन से आप किसी को कष्ट देते है आप उसकी नजर में शैतान बन जाते है।
कुछ ऐसे ही किरदार का इंसान जनपद वाराणसी जिला जेल का अधीक्षक आचार्य उमेश सिंह का है अपने मन वचन कर्म से ये जेल के बंदियों की नजर में महाशैतान बन चुका है।नाम के आगे इसके आचार्य लगा है लेकिन एक भी गुण इसके आचार्यों वाले नही है अपितु ये दुर्गुणो से भरा हुआ एक नम्बर का उदण्ड व बद्तमीज अधिकारी जिसका काम ही है बन्दियों को प्रताड़ित करना है

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